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"दिल्ली है दिलवालों की" कहावत जिसकी.. | कविता

दिल्ली में मौजूदा हालातों पर आधारित यह कविता.. ----------------------------------------------- बात इमारत सी बढ़ जाये, कुछ बातें इतनी खास हो गईं । अहिंसा सर चढ़ कुछ यूं बोले कि जाती जानें आम हो गईं । नगर पुराना- इतिहास पुराना दुर्घटना बस कुछ नई हो गईं। है लवों पर बस.. आजादी विचारों को जैसे जेल हो गई। हुकूमत हमारी जहां विराजे भूमि वहां की लाल हो गई। "दिल्ली है दिलवालों की" कहावत जिसकी अखबारों में भी वो बदनाम हो गई। -अतुल कुमार ------------------------------------------------------------------ #DilliHaiDilwalonKi   #MereAlfaaz |  Published on: